“भारतीय संविधान के 26 ऐतिहासिक सर्वोच्च न्यायालय के प्रमुख निर्णय – अनुच्छेदवार संकलन”

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1️⃣  चम्पकम दोरैराजन बनाम मद्रास राज्य (1951) अनुच्छेद: 15(1), 29(2) ✅ निर्णय: राज्य की आरक्षण नीति मौलिक अधिकारों का उल्लंघन थी। 📌 महत्त्व: संविधान का प्रथम संशोधन (1951) इसी निर्णय के पश्चात हुआ। 2️⃣ सांकरी प्रसाद बनाम भारत संघ (1951) अनुच्छेद: 13, 368 ✅ निर्णय: संसद को संविधान संशोधन की पूर्ण शक्ति है। 📌 महत्त्व: संशोधन शक्ति की पहली न्यायिक व्याख्या। 3️⃣ केशवन मेनन बनाम बंबई राज्य (1951)अनुच्छेद: 13 ✅ निर्णय: संविधान लागू होने से पहले बने कानूनों पर मौलिक अधिकार लागू नहीं। 📌 महत्त्व: संविधान की समयसीमा स्पष्ट हुई। 4️⃣ बेरूबारी संघ मामला (1960)अनुच्छेद: 3, 368 ✅ निर्णय: भूमि हस्तांतरण के लिए संविधान संशोधन आवश्यक। 📌महत्त्व: भारत की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा। 5️⃣ पश्चिम बंगाल राज्य बनाम भारत संघ (1963)अनुच्छेद: 1, 3, 246 ✅निर्णय: संघीय ढांचे में केंद्र सर्वोच्च। 📌महत्त्व: भारतीय संघ की एकता को बल मिला। 6️⃣ गोलकनाथ बनाम पंजाब राज्य (1967)अनुच्छेद: 13, 368 ✅निर्णय: संसद मौलिक अधिकारों में संशोधन नहीं कर सकती। 📌महत्त्व: संविधान संशोधन शक्ति पर पहली बड़ी ...

संघर्ष

सुख का #चादर ओढ़े ,
तू कब तक खैर मनाएगा।
दुख की #आग जला देगी,
तू उससे बच न पाएगा।
जितना #ठोकर खाएगा,
उतनी ही दूर तू जाएगा।
चल उड़ जा,#ऊंचे आसमाँ में,
तू कबतक डरता जाएगा।
गिरने से क्यों डरता है,
वो थाम के तुझे संभालेगा।
फिर से ऊंची उड़ान भर ले,
ये #आसमान झुक जाएगा।
तू रुकना न,तू थकना न,
ये लोग चुनौती देंगे हज़ार।
जो डटा रहा,तू अड़ा रहा,
फिर कौन तुझे रोक पाएगा।
तेरे संघर्ष की अग्नी को,
 ज्वाला सा तेज़ जला लेना।
संघर्ष विराम जो लगे कभी,
तू थोड़ा और चमक लेना।
तू बन प्रखर, तू और निखर,
तेरा #वजूद गुरर्राएगा,
देखना वक़्त भी एक दिन,
तेरा #गुलाम बन जाएगा।
     
 

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