📘 सफलता की सीढ़ी – 100 महत्वपूर्ण वस्तुनिष्ठ प्रश्न

"Learning Today, Leading Tomorrow" शिक्षिका एवं संकलक – Poornima Gontiya  📖 विषय शामिल हैं: अंतर्राष्ट्रीय संगठन मध्य प्रदेश सामान्य ज्ञान विटामिन एवं स्वास्थ्य भारतीय संविधान भारतीय दण्ड संहिता (IPC) 🌀 भाग 1 : अंतर्राष्ट्रीय संगठन (International Organizations) संयुक्त राष्ट्र संघ (UNO) की स्थापना कब हुई थी? (A) 1919 (B) 1945 (C) 1939 (D) 1950 UNICEF का मुख्य उद्देश्य क्या है? (A) शिक्षा (B) बच्चों का कल्याण (C) शांति स्थापना (D) चिकित्सा WHO का मुख्यालय कहाँ स्थित है? (A) पेरिस (B) जेनेवा (C) लंदन (D) न्यूयॉर्क IMF का पूरा नाम क्या है? (A) International Money Fund (B) International Monetary Fund (C) International Management Fund (D) International Member Fund UNESCO का मुख्यालय कहाँ है? (A) लंदन (B) पेरिस (C) बर्लिन (D) वॉशिंगटन विश्व बैंक की स्थापना कब हुई थी? (A) 1944 (B) 1950 (C) 1960 (D) 1972 SAARC की स्थापना किस वर्ष हुई थी? (A) 1985 (B) 1980 (C) 1990 (D) 1975 WTO का मुख्य उद्देश्य क्या है? (A) विश्व शांति (B) अंतर्राष्ट्रीय व्...

“भारतीय संविधान के 26 ऐतिहासिक सर्वोच्च न्यायालय के प्रमुख निर्णय – अनुच्छेदवार संकलन”

1️⃣  चम्पकम दोरैराजन बनाम मद्रास राज्य (1951)
अनुच्छेद: 15(1), 29(2)
निर्णय: राज्य की आरक्षण नीति मौलिक अधिकारों का उल्लंघन थी।
📌महत्त्व: संविधान का प्रथम संशोधन (1951) इसी निर्णय के पश्चात हुआ।

2️⃣ सांकरी प्रसाद बनाम भारत संघ (1951)
अनुच्छेद: 13, 368
निर्णय: संसद को संविधान संशोधन की पूर्ण शक्ति है।
📌महत्त्व: संशोधन शक्ति की पहली न्यायिक व्याख्या।

3️⃣ केशवन मेनन बनाम बंबई राज्य (1951)अनुच्छेद: 13
निर्णय: संविधान लागू होने से पहले बने कानूनों पर मौलिक अधिकार लागू नहीं।
📌 महत्त्व: संविधान की समयसीमा स्पष्ट हुई।

4️⃣ बेरूबारी संघ मामला (1960)अनुच्छेद: 3, 368
✅ निर्णय: भूमि हस्तांतरण के लिए संविधान संशोधन आवश्यक।
📌महत्त्व: भारत की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा।

5️⃣ पश्चिम बंगाल राज्य बनाम भारत संघ (1963)अनुच्छेद: 1, 3, 246
✅निर्णय: संघीय ढांचे में केंद्र सर्वोच्च।
📌महत्त्व: भारतीय संघ की एकता को बल मिला।

6️⃣ गोलकनाथ बनाम पंजाब राज्य (1967)अनुच्छेद: 13, 368
✅निर्णय: संसद मौलिक अधिकारों में संशोधन नहीं कर सकती।
📌महत्त्व: संविधान संशोधन शक्ति पर पहली बड़ी रोक।

7️⃣ आर.सी. कूपर बनाम भारत संघ (1970)अनुच्छेद: 19(1)(f), 31(2)
निर्णय: संपत्ति अधिग्रहण पर उचित मुआवजा आवश्यक।
📌महत्त्व: Direct Effect Doctrine स्थापित।

8️⃣ केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य (1973)अनुच्छेद: 368
✅निर्णय: संसद संविधान संशोधन कर सकती है, पर मूल संरचना नहीं बदल सकती।
📌महत्त्व: मूल संरचना सिद्धांत की स्थापना।

9️⃣ इंदिरा गांधी बनाम राजनारायण (1975)अनुच्छेद: 329, 368
निर्णय: न्यायिक समीक्षा संविधान की मूल संरचना का हिस्सा।
📌महत्त्व: लोकतंत्र की रक्षा में महत्वपूर्ण निर्णय।

1️⃣0️⃣ ए.डी.एम. जबलपुर बनाम शिवकांत शुक्ला (1976)अनुच्छेद: 21, 359
निर्णय: आपातकाल में मौलिक अधिकार निलंबित किए जा सकते हैं।
📌महत्त्व: बाद में “संवैधानिक भूल” के रूप में आलोचित।

1️⃣1️⃣ मनेका गांधी बनाम भारत संघ (1978)अनुच्छेद: 21
निर्णय: जीवन का अधिकार गरिमापूर्ण जीवन का अधिकार है।
📌महत्त्व: भारतीय “Due Process” सिद्धांत की स्थापना।

1️⃣2️⃣ मिनर्वा मिल्स बनाम भारत संघ (1980)अनुच्छेद: 31C, 368, 14, 19, 21
निर्णय: मौलिक अधिकार और नीति निदेशक तत्वों में संतुलन।
📌महत्त्व: शक्ति का न्यायिक नियंत्रण।

1️⃣3️⃣ एस.पी. गुप्ता बनाम भारत संघ (1981)अनुच्छेद: 124, 217
निर्णय: न्यायाधीशों की नियुक्ति और स्थानांतरण में पारदर्शिता आवश्यक।
📌महत्त्व: न्यायपालिका की स्वतंत्रता को बल।

1️⃣4️⃣ शाहबानो बेगम बनाम भारत संघ (1985)अनुच्छेद: 14, 15, 21, 44
निर्णय: मुस्लिम महिला को भरण-पोषण का अधिकार।
📌महत्त्व: समान नागरिक संहिता पर बहस को बल।

1️⃣5️⃣ एम.सी. मेहता बनाम भारत संघ (1986)अनुच्छेद: 21, 48A, 51A(g)
✅निर्णय: Absolute Liability सिद्धांत स्थापित।
📌महत्त्व: पर्यावरण संरक्षण की नींव पड़ी।

1️⃣6️⃣ इंद्रा साहनी बनाम भारत संघ (1992)अनुच्छेद: 15(4), 16(4), 16(4A)
✅निर्णय: OBC को 27% आरक्षण वैध, कुल सीमा 50%।
📌महत्त्व: सामाजिक न्याय की पुनर्परिभाषा।

1️⃣7️⃣ एस. आर. बोम्मई बनाम भारत संघ (1994)अनुच्छेद: 356
✅निर्णय: राष्ट्रपति शासन न्यायिक समीक्षा के अधीन।
📌महत्त्व: संघीय संरचना की रक्षा।

1️⃣8️⃣ विशाखा बनाम राजस्थान राज्य (1997)अनुच्छेद: 14, 15, 19(1)(g), 21
✅निर्णय: कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न से सुरक्षा हेतु दिशानिर्देश।
📌महत्त्व: महिला अधिकारों का संवैधानिक सशक्तिकरण।

1️⃣9️⃣ टी.एम.ए. पाई फाउंडेशन बनाम कर्नाटक राज्य (2002)अनुच्छेद: 19(1)(g), 30(1)
✅निर्णय: अल्पसंख्यक संस्थाओं को शिक्षा संस्थान चलाने का अधिकार।
📌महत्त्व: शिक्षा क्षेत्र में स्वतंत्रता की मान्यता।

2️⃣0️⃣ म. नागराज बनाम भारत संघ (2006)अनुच्छेद: 16(4A), 335
✅निर्णय: पदोन्नति में आरक्षण वैध, पर डेटा आधारित होना चाहिए।
📌महत्त्व: आरक्षण नीति में तार्किकता।

2️⃣1️⃣ कुलदीप नय्यर बनाम भारत संघ (2006)अनुच्छेद: 80, 84
निर्णय: राज्यसभा सदस्यता हेतु निवासी होना आवश्यक नहीं।
📌महत्त्व: राष्ट्रीय प्रतिनिधित्व को बल।

2️⃣2️⃣ पुट्टस्वामी बनाम भारत संघ (2017)अनुच्छेद: 21, 14, 19
निर्णय: Right to Privacy मौलिक अधिकार है।
📌महत्त्व: डिजिटल दौर में नागरिक स्वतंत्रता की रक्षा।

2️⃣3️⃣ नवतेज सिंह जौहर बनाम भारत संघ (2018)अनुच्छेद: 14, 15, 19, 21
निर्णय: धारा 377 असंवैधानिक।
📌महत्त्व: LGBTQ समानता की मान्यता।

2️⃣4️⃣ जोसेफ शाइन बनाम भारत संघ (2018)अनुच्छेद: 14, 15, 21
✅निर्णय: व्यभिचार कानून (धारा 497 IPC) असंवैधानिक।
📌महत्त्व: लिंग समानता की पुष्टि।

2️⃣5️⃣ सबरीमाला मंदिर मामला (2018)अनुच्छेद: 14, 15, 25, 26
निर्णय: महिलाओं का प्रवेश प्रतिबंध असंवैधानिक।
📌महत्त्व: धार्मिक स्वतंत्रता और लैंगिक समानता का संतुलन।

2️⃣6️⃣ श्रेय सिंघल बनाम भारत संघ (2015)अनुच्छेद: 19(1)(a)
✅निर्णय: IT Act की धारा 66A असंवैधानिक।
📌महत्त्व: इंटरनेट पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा।

👩‍⚖️ निष्कर्ष : 1951 से 2018 तक के इन 26 ऐतिहासिक निर्णयों ने भारतीय संविधान की आत्मा को जीवंत बनाए रखा। संसद की शक्ति, न्यायपालिका की भूमिका, मौलिक अधिकारों की सीमाएँ और नागरिक गरिमा—इन सभी का विकास इसी न्यायिक यात्रा में निहित है।

Comments

Popular posts from this blog

The Jogimara and Sitabenga Caves

What is Underfueling?

Navigating the Complexities of Cross-Border Insolvency