The Nobel Prize: India’s Story of Inspiration and Global Impact

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Every October, the world watches as the Nobel Prize winners are announced, celebrating the highest achievements in human knowledge, compassion, and creativity. For more than a century, this extraordinary honor has been a beacon of hope—fueling dreams, opening doors, and changing lives across the globe.   A Legacy Born in 1901 The Nobel Prize was born from the vision of Alfred Nobel, a pioneering inventor who wanted the brightest minds to be recognized for their incredible contributions. Since 1901, six categories—Physics, Chemistry, Medicine, Literature, Peace, and Economics— have become the world’s most revered stages for innovation and humanity’s progress.   The Numbers Behind Greatness ⚜️ Over 1,000 laureates have been honored worldwide. ⚜️ Physics, Medicine, and Chemistry remain the most awarded fields. ⚜️ The Peace Prize shines a spotlight on hope, peace, and human rights. ⚜️ India proudly counts 9 Nobel laureates across categories ranging from Literature to E...

मैंने इंसानियत को मरते देखा है

इस समय हम सब covid19 जो कि अब महामारी का रूप ले चुकी है ,ऐसे में लाज़मी है कि सब सबसे पहले खुद को बचाने का प्रयत्न करने की जद्दोजहत में लगे हैं,घरों से निकलना बंद हो गया है,सड़के भी सूनी हो चली हैं,पृथ्वी की हरियाली भले ही लौट आयी हो पर जीवन अस्त व्यस्त है ,इतना ही नही जो लोग अपने घरों से दूर किसी अनजान बस्ती में फंस गए हैं,उन्हें भी अब घर लौटने का इंतेज़ार है।माना कि इस वक़्त हम सभी एक बहुत बड़ी मुसीबत से जूझ रहे हैं,काल के गाल में कई जाने समा गई लेकिन इसका ये मतलब तो नही की जो लोग मजबूर है,लाचार है।उनकी मदद करने की बजाए उन्हें बैजत कर दूर भगा दें। अपने अंदर की इंसानियत को न मारो।आज जो मुसीबत में है उनकी मदद करो।जो इतनी मुद्दतों के बाद घर लौटे हैं,उनसे इंसानियत भरा व्यवहार करें,नही तो ये महामारी भले ही उन्हें छू तक ना पाए पर आपके द्वारा ऐसा व्यवहार उन्हें अंदर ही अंदर खा जाएगा।हर इंसान चाहता है कि उसकी इज़्ज़त हो,आदर सत्कार हो।इससे गरीबी और अमीरी का कोई वास्ता नही।सब एक ही माटी के बने हैं और सबको इसी में एक दिन समा जाना है।मैने इंसानियत को मरते देखा है ,लोग जिस तरह का व्यवहार कर रहे हैं वो दिल को झगझोड़ देता है।कोरोना को हराना है इंसानियत को नही।आज आप किसी के काम आएंगे तो कल हो सकता है आपके कठिन समय में वो भी आपके के लिए मदद का हाथ बढ़ाये ।हम हमेशा पड़ते हैं,सस्टेनेबल डेवलोपमेन्ट यानी जो हम आज इस्तेमाल कर रहे हैं उसका सही और दिमाग से इस्तेमाल करे ताकि आगे आने वाली पीढ़ी तक वो चीज़ पहुच सके।बस इसी को अपनी निज़ी जिंदगी ने उतारिये ।अच्छा व्यवहार ही आगे आने वाली पीढ़ी को सम्मान दिला पायेगा।आप महँगे गिफ्ट खिलौने खरीदते हैं अपने बच्चों के लिए ताकि वो खुश रहें तो बस उस क्षण भर की खुशी को जीवन भर के लिए बदलने का वक़्त आ गया है।तौफे में सम्मान दीजिये,आदर कीजिये।अपनेपन का सहारा दीजिये।कल जरूर सुख जा सूरज निकलेगा ,हमसबका अच्छा वक्त जरूर आएगा।इसीके साथ आप सभी को नमस्कार करती हूं।फिर मिलेंगे नई सोच के साथ ,नए हौसले के साथ ,तब तक अपना और अपनों का खयाल रखिये ,जरूरतमंदों के काम आईये।सदा सुखी रहिये।जय हिन्द 🙏🙏🙏🙏🙏

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