तज़ुर्बे की झुर्रियां

जब तक सर पर बड़े बूढ़ों का साथ रहता है तब तक हम फलते फूलते हैं,उनकी कहानियों की गहराई कुछ नया सिखाती है,ऐसे ही बाल सफेद नही होते ,इतने सालों का तजुर्बा और ज़िन्दगी की उड़ान उन्हें इस खूबसूरती से नवाजती है।जब कभी लगे कि तुम परेशान हो, किसी बड़ी मुसीबत में फंस गए हो,बाहर निकलने का जब हर दरवाज़ा तुम्हे बंद नज़र आए तब अपने बुजुर्गों के पास बैठो उन्हें अपनी परेशानियों से अवगत कराओ।तुम्हे हर मुसीबत का हल मिल जाएगा।मैने हमेशा मेरी अम्मा (दादीमाँ) से बहुत से किस्से ,कहानियाँ सुनी,उन कहानियों में कभी महाभारत तो कभी भागवत गीता का सार समझ आता था , कभी रामायण का अध्याय तो कभी अनसुनी कहानियों से नई सीख मिलती थी।अफसोस... आज जब देश के हर कोनों में वृद्धाश्रम की बढ़ती तादाद दिखाई पड़ती है, तब बहुत दुख होता है, जिस माँ ने तुम्हे हर बुरी नज़र से बचाने के लिए अपनी गोद मे संभाले रखा ,तुम्हे अपने स्नेह से सवाँरा... ,जिस पिता की बाहों में तुमने चहल कदमी की..
 ,जिसके कंधो के सहारे तुमने ऊंचाइयों को करीब से देखा आज उसी की लाठी बन उसे सहारा देने से कतराते हो। शर्म आनी चाहिए ऐसे लोगों को जो अपनी झूठी आज़ादी और झूठी शान के लिए अपने माता - पिता को थोड़ा सम्मान नही दे सकते ,तुमसे अच्छे तो फिर वो बेज़ुबान जानवर है,जो कभी भी अपनों का साथ नही छोड़ते। याद रखो जिस उम्र में आज वो हैं उसी उम्र में तुम्हे भी आना है,ज़िंदगी का पहिया सबके लिए समान रूप से घूमता है...,उसे भेद -भाव करना नही आता ,अभी भी वक़्त है संभल जाओ वरना आज जिस तरह तुमने अपने बूढ़े माँ-बाप को सताया है ,कल तुम्हे भी उसी दर्द से गुजरना पड़ेगा।
अपनी जड़ों को काटने से नुकसान तुम्हारा ही होगा ,याद रखो पेड़ वही मज़बूत है जिसकी जड़ों की पहुँच बहुत घनी और मजबूत हो, वरना हल्की सी हवा भी उसे उड़ा ले जाती है । जय हिंद 🙏🙏🙏🙏🙏

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