🌟वेदिक दीपावली श्रृंखला | Poornima Gontiya

🌟 वेदिक दीपावली श्रृंखला | Poornima Gontiya Author | Creative Thinker | Voice of Inspiration 🔅🔅🔅🔅🔅🔅🔅🔅🔅🔅🔅🔅🔅🔅🔅 🌼 1. तमसो मा ज्योतिर्गमय अर्थ: अंधकार से प्रकाश की ओर चलो। ✨ टैगलाइन: प्रकाश बनो, क्योंकि दीप आत्मा से बनता है। 🌸 2. सर्वे भवन्तु सुखिनः अर्थ: सभी सुखी हों, सभी का कल्याण हो। 💫 टैगलाइन: खुशियाँ बाँटो, तो ब्रह्मांड मुस्कुराएगा। 🌺 3. दीपं जलयेत् ज्ञानदीपं अर्थ: अज्ञान के तम में ज्ञान का दीप जलाओ। 🪔 टैगलाइन: जो जगमग भीतर करे, वही सच्ची दीपावली। 🌿 4. जय देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मी रूपेण संस्थिता अर्थ: लक्ष्मी का वास हर हृदय में है। 💰 टैगलाइन: समृद्धि केवल धन नहीं, मन की तृप्ति है। 🌼 5. ॐ शुभं करोति कल्याणम् अर्थ: शुभता और कल्याण का प्रकाश फैलाओ। ✨ टैगलाइन: हर दीप में छुपा है ईश्वर का आशीष। 🌸 6. असतो मा सद्गमय अर्थ: असत्य से सत्य की ओर चलो। 🪷 टैगलाइन: सत्य की लौ कभी मंद नहीं होती। 🌿 7. ऋतेन सत्यं तिष्ठति अर्थ: सत्य ही जीवन की नींव है। 💫 टैगलाइन: दीप सत्य का, जीवन ज्योतिर्मय। 🌺 8. शुभं अस्तु सर्वजनाय अर्थ: सबके लिए मंगल की कामना। ✨ टैगलाइन: जो सबका सोचता है, व...

तू खुद की खोज में निकल


तनवीर ग़ाज़ी जी की अद्भुत कविता,इस कविता ने हमेशा मुझे साहस दिया है,जब मुझे लगा कि अब आगे कुछ हो ही नही सकता ये कविता मेरी हिम्मत बनी। उम्मीद है आप सभी के लिए भी ये कविता उतनी ही मददगार साबित होगी। साहस से कदम बढ़ाइए,निडरता से अपनी बात रखिए ।😊🙏

तू खुद की खोज में निकल
तू किस लिए हताश है,
तू चल तेरे वजूद की
समय को भी तलाश है

जो तुझ से लिपटी बेड़ियाँ
समझ न इनको वस्त्र तू 
ये बेड़ियां पिघाल के
बना ले इनको शस्त्र तू
बना ले इनको शस्त्र तू
तू खुद की खोज में निकल
तू किस लिए हताश है, तू चल तेरे वजूद की
समय को भी तलाश है
समय को भी तलाश है

चरित्र जब पवित्र है
तो क्यों है ये दशा तेरी
ये पापियों को हक़ नहीं
कि ले परीक्षा तेरी
कि ले परीक्षा तेरी
तू खुद की खोज में निकल
तू किस लिए हताश है तू चल, तेरे वजूद की
समय को भी तलाश है

जला के भस्म कर उसे
जो क्रूरता का जाल है
तू आरती की लौ नहीं
तू क्रोध की मशाल है
तू क्रोध की मशाल है
तू खुद की खोज में निकल
तू किस लिए हताश है
तू चल तेरे वजूद की
समय को भी तलाश है
समय को भी तलाश है

चूनर उड़ा के ध्वज बना
गगन भी कंपकंपाएगा 
अगर तेरी चूनर गिरी
तो एक भूकंप आएगा
तो एक भूकंप आएगा
तू खुद की खोज में निकल
तू किस लिए हताश है, तू चल तेरे वजूद की
समय को भी तलाश है
समय को भी तलाश है


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